मैं पतित पावनी गंगा हूं। श्रद्धालु मुझे मां कहते हैं, मेरी गोद में डुबकी लगाकर पुण्य कमाते हैं। पापों से मुक्ति और मोक्ष की कामना के साथ आने वाले श्रद्धालुओं को मैं कभी निराश नहीं करती, लेकिन मैं ख