पतित पावनी गंगा को साफ करने के नाम पर केवल कागजी कवायद हो रही है। 25 साल में सफाई के नाम पर शहर में अब तक सात अरब रुपये खर्च हो चुके हैं लेकिन नतीजा गंगा साफ होने के बजाए और दूषित हो गई है। रोज 46