कारण सबको पता है मगर समाधान में किसी की गहरी दिलचस्पी नहीं है. सभी को लगता है कि ये नवंबर की बात है, उसके बाद सब सामान्य हो जाएगा. दिल्ली की हवा आपकी जेब और हेल्थ पर असर डालने फिर से आ गई है. कब तक दिल्ली बात-बात में स्कूल बंद करती रहेगी, वो यह क्यों नहीं कहती कि शहर में डीज़ल कारों का पंजीकरण बंद हो, कारों की संख्या में बेतहाशा वृद्धि बंद हो, पब्लिक ट्रांसपोर्ट की संस्कृति को बढ़ाने के लिए कारें बंद करने की बात नहीं होती, कब तक बड़ों के फैलाए इस प्रदूषण का समाधान हम बच्चों के स्कूल को बंद करके करेंगे.