बीमारियां बनकर फूट रहा प्रदूषण का फोड़ा
नगर में सालाना बढ़ रहे 22.5 हजार श्वांस रोगी
कानपुर: शहर वासियों ने अपने लिए खुद कांटे बोए हैं और इसका खामियाजा भी भुगत रहे हैं। हर साल 22.5 हजार श्वांस व चेस्ट के रोगी बढ़ रहे हैं। मुरारी लाल चेस्ट हास्पिटल के विभागाध्यक्ष डॉ. सुधीर चौधरी कहते हैं कि प्रदूषण की मुख्य वजह जर्जर सड़कें, अतिक्रमण, ट्रैफिक जाम, जरा सी दूरी के लिए वाहन के उपयोग की प्रवृत्ति, धुआं उगलते जेनरेटर एवं कल कारखाने हैं। इस वजह से वायुमंडल में सस्पेंडेट पार्टकिल, नाइटिक आक्साइड, सल्फर डाई आक्साइड एवं कार्बन डाईआक्साइड की बढ़ती जा रही है। मार्निग वाक पर जाने वाले एवं खेलने वाले बच्चे जो तेजी से सांस लेते हैं, प्रदूषण के शिकार होकर सांस के रोगी बन रहे हैं।