नई दिल्ली। प्रदूषण जांच केंद्र (पीसीसी) से पास गाड़ी भी राजधानी की आबोहवा खराब कर रही हैं। इसकी वजह मानकों को दरकिनार करके प्रदूषण जांच केंद्रों से प्रमाण पत्र बांटे जा रहे हैं। बड़ी दिक्कत बॉर्डर

ब्रिटिश कंपनी वेदांता की नियमगिरी के जंगलों में खनन करने की परियोजना को तगड़ा झटका लगा है। स्था नीय डोंगरिया कोंध आदिवासियों की 12वीं और अंतिम ग्राम सभा ने नियमगिरी के जंगलों में खनन की इजाजत देने

सलारपुर की जमीन का नए सिरे से अधिग्रहण होगा। अब किसानों की मर्जी के बिना जमीन नहीं खरीदी जा सकेगी। ध्यान रहे कि सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने सलारपुर स्थित 182 एकड़ जमीन का अधिग्रहण रद्द कर दिया था। र

नगर निगम प्रशासन की सख्ती के बाद अब कचरा प्रबंधन प्लांट के शुरू होने के आसार नजर आ रहे हैं। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने अब प्लांट शुरू करने के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र देने की सहमति दे दी है और इसके

नई दिल्ली। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने राजधानी के वन क्षेत्रों में बेतरतीब निर्माण को लेकर दिल्ली सरकार को फटकार लगाई है। ट्रिब्यूनल ने कहा है कि दिल्ली सरकार अभी तक यह नहीं बता पाई है कि कि

करीब 82 बीघे में फैले दस गज गहरे तालाब में नहीं एक बूंद

नई दिल्ली। राजधानी में दौड़ रही पांच में से सिर्फ एक गाड़ी के पास वैध प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण (पीयूसी) पत्र है। मसलन 80 फीसदी गाड़ियां बिना पीयूसी के दौड़ रही हैं। लेकिन आज तक इनमें से किसी गाड़ी क

इस प्रदेश का आपदा प्रबंध तंत्र खुद ही आपदाग्रस्त है। तीन बड़ी आपदाओं के बाद भी राज्य आपदा प्राधिकरण को सक्रिय नहीं किया गया। आलम यह है कि 17 जून को केदारनाथ की तबाही का संकेत मिलने के बाद भी इसी दि

दिल्ली पार्किंग दरों में जल्द ही बढ़ोतरी होगी। हालांकि वाहन मालिकों के ऊपर बढ़ोतरी का कोई खास बोझ नहीं पड़ेगा। पार्किंग दरों में करीब 12.36 प्रतिशत बढ़ोतरी का प्रस्ताव है। इसके चलते पहले दस घंटे के

7 जून की पिथौरागढ़ जिले में आई आपदा का प्रमुख कारण लापा ग्लेशियर टूटना रहा। धारचूला से 60 किमी दूर तीदांग से लेकर धारचूला, बलुवाकोट, जौलजीबी, झूलाघाट तक तबाही मचाने में तीदांग के लापा ग्लेशियर के स

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