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World Environment Day. Time 18:55 to 43:15

EarthCareAwards, we endeavor to showcase evolved climate friendly practices.

प्लास्टिक का इस्तेमाल हम रोजमर्रा के कामों में धड़ल्ले से करते आए हैं। प्लास्टिक के अंधाधुंध इस्तेमाल से आज पर्यावरण खतरे में है। दुनिया भर में हर साल लाखों टन प्लास्टिक का उत्पादन होता है। इसमें सिर्फ 9 फीसदी ही रिसायकल होती है। 12 फीसदी जला दी जाती है और ये हमारी हवा को ज़हरीला बनाती है जबकि unnasi (79) फीसदी इधर उधर बिखर कर हमारे पर्यावरण को दूषित करती है। प्लास्टिक ने जीवन को सुगम बनाया है, लेकिन पर्यावरण के लिए खतरा भी पैदा किया है। इसका सबसे बुरा प्रभाव समुद्री जीव-जंतुओं पर पड़ रहा है। अगर प्लास्टिक का सही से निपटारा नहीं किया गया तो 2050 तक हमारे आसपास 1 अरब 20 करोड़ टन प्लास्टिक क

लगातार बढ़ती आबादी और शहरीकरण के साथ भारत में पिछले एक दशक में कचरे के ताबाद बहुत तेजी से बढ़ रही है. सालाना लगभह 3 करोड़ 65 लाख टन कचरा पैदा होता है. कुल जमा किए गए कचरे में से 94 फीसदी को जमीन पर डाला जाता है और 5 फीसदी कम्पोस्ट होता है.

Public Forum : Drowning In Garbage

जब हम बात करते हैं स्‍वच्‍छ भारत और स्‍वच्‍छता की तो हमें सिर्फ टॉयलेट बनाने से आगे बढ़ना होगा. सोचिए कि जब हम टॉयलेट का इस्‍तेमाल करते हैं, तो इंसानी मल कहां जाता है. भारत में 30 फीसदी से भी कम सीवेज लाइनें हैं. तो सोचिए कि रोजाना टॉयलेट इस्‍तेामल करने के बाद यह कचरा कहां जाता है. इस शो में देखिए कि किस तरह संसाधनों की कमी की वजह से इंसानी मल का निपटारा सही ढंग से नहीं हो रहा और यह हमारे जल स्रोतों को भी दूषित कर रहा है.

NDTV डेटॉल बनेगा स्‍वच्‍छ इंडिया कैंपेन का चौथा सीजन जारी है और इस सीजन में एक बार फिर 'मेरे दस गज' मंत्र पर गौर किया जा रहा है. यानी सब लोग मिलकर अपने 10 गज के दायरे की सफाई का प्रण लें. ये एक ऐसा बदलाव ला सकता हे जो हम सालों से नहीं ला पाए हैं. इसी सिलसिल में पर्यावरणविद सुनीता नारायण ने NDTV से बात की.

https://www.ndtv.com/video/environment/banega-swachh-india/three-steps-to-clean-india-464688

Analysing the importance of solid waste management

Only 12 per cent of the 70 per cent of India's solid waste is treated, while the rest goes into landfills. Though there's a long way to go in treating the problem, people and co-operatives have started taking initiatives towards segregating and composting waste and developing a consciousness of not disposing waste indiscriminately.

Waste management is a huge challenge as well as a crisis for our country. Some cities have managed to put in successful waste management systems. The government evolved a new set of waste management rules that mark a significant shift. A survey by Centre for Science and environment has rated cities like Alleppey in Kerela, Panaji, Mysuru, Aizawl, Pune, Suryapet in Telangana and Surat as those that have made a significant leap forward and could become models for the country.

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