जोधपुर.

दो से तीन हजार रुपए कम हो सकते हैं भाव, राज्य सरकार को मंजूरी के लिए भेजी

खान एवं भू-विज्ञान निदेशालय ने प्रदेश में को सस्ते भाव में बजरी उपलब्ध करवाने की नीति तैयार की है। इस पर सरकार की मुहर लगना बाकी है। अब तक बजरी खनन का ठेका सबसे ज्यादा राशि देने वाले को छिया जाता था, लेकिन नई नीति के तहत सबसे कम कीमत में खनन करने वाले को यह जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। इसकी पूरी जिम्मेदारी राजस्थान स्टेट माइंस एंड मिनरल्स लि. (आरएसएमएमएल) को दी जा सकती है।

पिछले नौ साल में इस कॉन्फ्रेंस में वॉक आउट की घटना पहली बार हुई है। विकासशील देशों का कहना है कि ड्राफ्ट की बातें यूएनएफसीसीसी के प्रावधानों से मेल नहीं खातीं। इन देशों ने सीओपी 19 कॉन्फ्रेंस छोड़

पोलैंड की राजधानी वारसॉ में जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर चल रही यूनाइटेड नेशन्स फ्रेमवर्क कन्वेंशन फॉर क्लाइमेट चेंज (यूएनएफसीसीसी) की 19वीं कॉन्फ्रेंस अब तक बेनतीजा रही हैं, लेकिन एक बात जो उभरकर