कानपुर - इलाहाबाद हाइवे के चौड़ीकरण की प्रक्रिया तेज हो गई है। जिन गांवों के किसानों की भूमि या जिनके मकान का अधिग्रहण होना है उनके साथ भू अध्याप्ति विभाग बैठकें कर मुआवजा राशि पर सहमति बनाएगा। यहां

गंगा और इसकी सहायक नदियों को दूषित करने वाले उद्योगों को नोटिस जारी किए गये हैं। इनमें सभी ऐसे उद्योगों को शामिल किया गया है जिनसे निकलने वाले दूषित पानी को सीधे गंगा में छोड़ा जाता है। नोटिस के साथ

नगर में सालाना बढ़ रहे 22.5 हजार श्वांस रोगी

कानपुर: शहर वासियों ने अपने लिए खुद कांटे बोए हैं और इसका खामियाजा भी भुगत रहे हैं। हर साल 22.5 हजार श्वांस व चेस्ट के रोगी बढ़ रहे हैं। मुरारी लाल चेस्ट हास्पिटल के विभागाध्यक्ष डॉ. सुधीर चौधरी कहते हैं कि प्रदूषण की मुख्य वजह जर्जर सड़कें, अतिक्रमण, ट्रैफिक जाम, जरा सी दूरी के लिए वाहन के उपयोग की प्रवृत्ति, धुआं उगलते जेनरेटर एवं कल कारखाने हैं। इस वजह से वायुमंडल में सस्पेंडेट पार्टकिल, नाइटिक आक्साइड, सल्फर डाई आक्साइड एवं कार्बन डाईआक्साइड की बढ़ती जा रही है। मार्निग वाक पर जाने वाले एवं खेलने वाले बच्चे जो तेजी से सांस लेते हैं, प्रदूषण के शिकार होकर सांस के रोगी बन रहे हैं।

शहर के पश्चिम क्षेत्र के दस वार्डो को जल्द ही नलों के माध्यम से गंगा का शुद्ध पानी मिलेगा। जेएनएनयूआरएम के तहत फेज तीन में दस वार्डो में पेयजल के लिए 462.81 करोड़ की कार्ययोजना जल निगम ने तैयार की

मैं पतित पावनी गंगा हूं। श्रद्धालु मुझे मां कहते हैं, मेरी गोद में डुबकी लगाकर पुण्य कमाते हैं। पापों से मुक्ति और मोक्ष की कामना के साथ आने वाले श्रद्धालुओं को मैं कभी निराश नहीं करती, लेकिन मैं ख

गंगा में गिरते टेनरियों के पानी से जिलाधिकारी नाराज हैं। पंपिंग स्टेशनों में मोटर बंद होने पर भी उन्होंने नाराजगी जाहिर की है। संबंधित विभागों के अधिकारियों को खराब मोटर चालू कराने और क्षतिग्रस्त क

कानपुर, नगर प्रतिनिधि: पॉलीथिन के लिए सुप्रीम कोर्ट के सख्त आदेशों के बावजूद शहर में पॉलीथिन की बिक्री रुक नहीं रही। मॉल हो या बाजार हर जगह पॉलीथिन का प्रयोग है। कार्रवाई की गेंद प्रदूषण नियंत्रण व

शहर में प्रवेश करते समय गंगा की धारा को मैली होने से बचाने की कवायद प्रशासन ने शुरू कर दी है। बिठूर में गंगा में गिरने वाले सात नालों को टैप किया जाएगा। एक बड़ा नाला बनाकर उससे इन नालों को जोड़ने के

जाजमऊ में अवैध रूप से संचालित ग्लू फैक्ट्रियां पतित पावनी गंगा के आंचल को मैला कर रही हैं। रोजाना हजारों लीटर प्रदूषित पानी जाकर गंगा की निर्मलता को चोट पहुंचा रहा है।

प्योंदी, वाजिदपुर व शेखपुर गांव किनारे करीब दो दर्जन से अधिक स्थानों पर चोरी छिपे कढ़ाव में चर्बी गलाने का काम धड़ल्ले से चल रहा है। भट्ठियों से निकल कर गंगा में समाने वाला काला पानी इसमें रहने वाले जलीय जीव जंतुओं के लिए भी खतरा है। दो माह के भीतर गंगा में तीन बार हजारों मछलियों की मौत हो चुकी है। गंगा किनारे सटे गांव के कुछ लोग इसका विरोध करते हैं पर दबंग उनका मुंह बंद कर देते हैं।

कानपुर, मेरठ, आगरा समेत सात शहरों में भूजल नीति सख्ती से लागू हो गई है। प्राइवेट बोरिंग पर रोक लगा दी गई है। इन शहरों में हर घर में मैकेनिकल मीटर के स्थान पर एएमआर (ऑटो मीटर रीडिंग) मीटर लगाए जाएंगे।

यदि शासन स्तर से शीघ्र घोषित की जाने वाली तिथि में कोई उपभोक्ता मीटर नहीं लगवाएगा तो उससे जुर्माने के रूप में 540 रुपये प्रति मीटर वसूले जाएंगे। 1 प्रमुख सचिव नगर विकास सीबी पालीवाल ने नगर विकास मंत्री की ओर से सभी नगर आयुक्त को इस संबंध में आदेश भेजा है।

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